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Showing posts from December, 2019

पीएम मोदी के 'लखटकिया चश्मे' पर चर्चा क्यों? #SOCIAL

26 दिसंबर को सूर्यग्रहण के दौरान 'रिंग ऑफ़ फ़ायर ' देखने को इच्छुक लोगों की लिस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल र हे. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह पीएम नरेंद्र मोदी ने फ़ेसबुक पर अपनी तीन तस्वीरें भी अपलोड की. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह पीएम मोदी ने लिखा, "क ई भारतीयों की तरह सूर्य ग्रहण को लेकर मैं भी उत्साहित था. दु र्भाग्य से बादलों के कारण मैं सूर्यग्रहण नहीं देख पाया. लेकिन कोझीकोड और देश के अन्य जगहों पर सूर्यग्रहण की झलक मैंने लाइव स्ट्रीम के माध्यम से देखी. इसके साथ ही मैं ने विशेषज्ञों से बात करके इस विषय पर अपनी जान कारी भी बढ़ाई." मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह पीएम मोदी की तस्वीरें पोस्ट होने के साथ ही सोशल मीडिया पर शेयर होने लगीं. ए क यूज़र ने पीएम मोदी की तस्वीर के साथ लिखा- ये एक मीम बन रहा है. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह पीएम मोदी ने जैसा कहा , वैसा ही हुआ. सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की तस्वी र को लोग मज़ाक़िया अंदाज़ में शेय र करने लगे. मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह सोशल मीडिया पर कुछ लोग

नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी

भारतीय गृहमंत्री अमित शाह इसे पेश करेंगे और इस म द्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार से बुधवार तक के लिए ह्विप जारी कर दिया है. केंद्र की तरफ से इसे शीर्ष प्राथमिकता देते हुए इसे सदन में रखे जाने के दौरान सभी सांसदों को उपस्थित रहने को कहा गया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल इसे पहले ही मंज़ूरी दे चुका है. इस विधेयक पर लोकसभा में काफ़ी गहमागहमी होने के आसार हैं. नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को संक्षेप में CAB भी कहा जाता है और यह बिल शुरू से ही विवाद में रहा है. विधेयक पर विवाद क्यों है, ये समझने के लिए इससे जुड़ी कुछ छोटी -छोटी मगर महत्वपूर्ण बातों को समझना ज़रूरी है. इस विधेयक में बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख) से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. मौजूदा क़ानून के मुताबिक़ किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है. इस विधेयक में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह समयावधि 11 से घटाकर छह साल कर दी गई है.

हैदराबाद: मर्दों को सोचना चाहिए कि वे बलात्कार क्यों करते हैं?: नज़रिया

स वाल एक है और सालों से घूम रहा है. हर बार जब बलात्‍कार की कोई घटना सुर्ख़‍ियों में आती है तो यह सवाल घूमने लगता है. दिक्‍कत यह है कि इसका जवाब एक नहीं है. हम सभी, सब ज वाब पर एकमत नहीं हैं. कुछ जवाब मर्दाना समाज की तरफ़ से हैं. कुछ जवाब स्‍त्र‍ियों की ओर से हैं. कुछ जवाब बहुत ज़्यादा व्‍यापक और गंभीर सवाल खड़े करते हैं. हम भी कोशिश करते हैं. मुकम्‍मल जवाब का दावा नहीं, कोशिश ही है. किसी की इच्‍छा के ख़िलाफ़ किया गया काम बलात्‍कार है. किसी पर अपनी ख्‍़वाहिश को जबरन थोपना बलात्‍कार है. यक़ीनन यह क़ानूनी परिभाषा नहीं है. उस पर चर्चा फिर कभी. हम अभी कुछ मोटा-मोटी बात करते हैं. सवाल यही है कि मर्द बलात्‍कार क्‍यों करते हैं? हम मर्द बलात्‍कार करते हैं क्‍योंकि हम 'अपनी' यौ न इच्‍छा पूरी करना चाहते हैं. इसमें दूसरे की इच्‍छा की कोई जगह नहीं है. हम मर्द बलात्‍कार करते हैं क्‍योंकि हम अपनी तनाव भरी उत्‍तेजना को किसी और की इ च्‍छा और रज़ामंदी के बग़ैर शांत करना चाहते हैं. हम मर्द बलात्‍कार करते हैं क्‍योंकि हम अपनी क्षणिक उत्‍तेजना को शांत करने के लिए एक जगह तलाशते हैं. स्‍